सोमवार, 25 अप्रैल 2011

मज़हब के नाम पर

किसी के लिए ज़िन्दगी का मकसद है
किसी के लिए मौत का फरमान है
किसी की हर साँस,
तो
किसी का हर पल कुर्बान है,
मज़हब के लिए.
किसी इंसान ने बनाया, जिसे
इंसानों की बेहतरी के लिए,
जिससे इंसानियत को बचाया जा सके
इंसान की ज़िन्दगी के लिए.
पर,
कुछ लोग बन बैठे हैं
नायाब इसके.
जो पा लेते हैं
धन, दौलत और सत्ता
मज़हब के नाम पर.
उनके लिए
मज़हब
एक झूठ है
एक रास्ता है
एक उपाय है.
जिस पर टिकी होती हें
करोड़ो लोगों की आस्था .
पर
आश्चर्य है आस्था के ये
करोड़ो वाहक,
उन धूर्त ,लालची और
शैतानों को
चुनते हें
प्रतिनिधि अपना
सिर्फ,
मज़हब के नाम पर.


1 टिप्पणियाँ:

यहां 25 अप्रैल 2011 को 4:52 am बजे, Blogger Anurag Anant ने कहा…

एक झूठ है
एक रास्ता है
एक उपाय है
VERY NICE ISHWAR KEEP IT UP GOOD GOING

 

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